मुजफ्फरनगर। शहर को स्वच्छता की ओर लाने के लिए नगरपालिका परिषद् की चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप द्वारा की गई विशेष पहल का असर अब करीब तीन माह बाद दिखने लगा है। तीन महीने से शहरी सफाई व्यवस्था के लिए डोर टू डोर और कूड़ा डलावघरों से कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी उठाने वाली दिल्ली की कंपनी एमआईटूसी और पालिका प्रशासन ने बेहतर समन्वय स्थापित करते हुए शहरी क्षेत्र में उन छह कूड़ा डलावघरों को बंद कराने में सफलता पाई है, जो या तो विवादों से घिरे थे या फिर शहर के मुख्य मार्गों पर बने हुए थे। इसी कड़ी में शुक्रवार को कंपनी की टीम ने शहर के रामलीला टिल्ला पहुंचकर छठा कूड़ा डलावघर बंद कराकर वहां पर सड़क पर कूड़ा डालने से रोकने के लिए 14 घंटे के लिए मोबाइल कॉम्पेक्टर और कर्मचारियों की तैनाती कर दी है। इसके साथ ही आगामी दिनों में कुछ और कूड़ा डलावघरों को बंद कराने की योजना है। कंपनी और पालिका का प्रयास है कि कूड़ा उठने के साथ फिर सड़क पर कहीं नहीं गिरना चाहिए।
नगरपालिका परिषद् ने शहर की सफाई व्यवस्था के लिए एमआईटूसी सिक्योरिटी एंड फैसिलिटी प्रा. लि. नई दिल्ली के साथ अनुबंध किया है। 14 महीने के अनुबंध के लिए करीब 13 करोड़ रुपये पालिका खर्च करेगी। इसमें कंपनी को डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ ही शहरी क्षेत्र में बने डलावघरों से कूड़ा निस्तारण की जिम्मेदारी दी गई है। इस दौरान कंपनी को चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने कई विवादित और मुख्य मार्ग वाले कूड़ा डलावघर बंद कराने के लिए निर्देशित किया था, जिसको लेकर पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बेहद संवेदनशीलता के साथ काम किया ओर उनकी पहल पर शहरी क्षेत्र के कूड़ा डलावघरों को बंद करने की एक मुहिम चलाई गई। सबसे पहले शहर का सबसे ज्यादा विवादित रुड़की रोड अस्पताल वाला डलावघर बंद कराया गया। इसके बाद शुक्रवार को रामलीला टिल्ला पर बना कूड़ा डलावघर भी बंद कराया।
एमआईटूसी कंपनी के सेकेन्ड्री वेस्ट प्वाइंट हैड कुलदीप सिंह शुक्रवार को अपनी टीम के साथ रामलीला टिल्ला पहुंचे और यहां पर बने डलावघर से कूड़ा उठवाने के साथ ही यहां पर एक मोबाइल कॉम्पैक्टर लगा दिया गया। यहां पालिका के साथ ही प्राइवेट सफाई कर्मचारी वार्डों से एकत्र कूड़ा सड़क पर ही डालने का काम कर रहे हैं। करीब डेढ़ दशक से लोग इसे बंद कराने की मांग करते चले आ रहे हैं।
कुलदीप सिंह ने बताया कि कंपनी ने 16 फरवरी से काम शुरू किया और अब तक करीब तीन माह में पालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप एवं ईओ प्रज्ञा सिंह के मार्गदर्शन में शहर में छह कूड़ा डलावघरों को बंद कराया जा चुका है। इनमें जिला अस्पताल, बाला जी चौक राजवाहा रोड, आर्य समाज रोड, सूजडू चुंगी के पास सरकूलर रोड, भाजपा कार्यालय गांधी नगर और रामलीला टिल्ला शामिल हैं। रामलीला टिल्ला पर सुबह 6 बजे से रात्रि 8 बजे तक 14 घंटे के लिए मोबाइल कॉम्पेक्टर और कर्मचारियों की तैनाती की गई है। यहां जो भी रेहडे वाला कूड़ा लेकर आयेगा, वो सीधे कॉम्पेक्टर में कूड़ा डालेंगे। सड़क पर नहीं गिरने दिया जायेगा। उनका कहना है कि कर्मियों को इसके लिए जागरुक किया जा रहा है। जब कंपनी ने काम करना शुरू किया था तो शहरी क्षेत्र में पालिका से उनको गारबेज वेटर प्वाइंट ;छोटे डलावघरद्ध सहित कुल 28 डलावघर सौंपे गये थे। कंपनी ने पालिका के साथ मिलकर अब तक 11 छोटे बडे़ डलावघर बंद कराये हैं, जिनमें छह बड़े डलावघर शामिल हैं अब शहरी क्षेत्र में पालिका के 17 डलावघरों से कंपनी कूड़ा निस्तारण करा रही है। कंपनी का प्रयास है कि आगामी दिनों में कुछ और डलावघर बंद कराये जायें।
बंद डलावघरों पर कूड़ा डालते पकड़े जाने पर लगेगा जुर्माना पांच हजार
मुजफ्फरनगर नगरपालिका परिषद् की ओर से शहरी क्षेत्र को स्वच्छ बनाने के लिए सख्ती के साथ काम किया जा रहा है। इसमें पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बंद कराये गये कूड़ा डलावघरों की निगरानी को लेकर कंपनी को सख्त निर्देश दिये हैं। इसके साथ ही उन्होंने इन स्थानों पर कूड़ा डालने वालों से जुर्माना वसूलने के निर्देश दिये हैं। इसके लिए पालिका प्रशासन के स्तर से कूड़ा डालने वाले व्यक्ति पर पांच हजार जुर्माना लगाकर वसूलने के निर्देश दिये गये हैं। इसके लिए कंपनी ने भी प्रचार प्रसार शुरू करते हुए लोगों को जागरुक किया है। कंपनी के सेकेंड्री वेस्ट प्वाइंट इंचार्ज कुलदीप सिंह ने बताया कि ईओ के निर्देश पर कंपनी बंद किये गये डलावघरों की नियमित निगरानी करा रही है। आसपास के लोगों और सभासदों से भी सहयोग मांगा जा रहा है।