मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् की चल सम्पत्ति के रूप में शहरी सफाई व्यवस्था के लिए अमानत के तौर पर मिले 105 छोटे-बड़े वाहनों को एमआईटूसी सिक्योरिटी एण्ड फैसिलिटी प्रा. लि. नई दिल्ली द्वारा पालिका प्रशासन को हैंड ओवर तो कर दिया गया, लेकिन वाहनों की मैकेनिकल फिटनेस कराये जाने पर अधिकांश वाहनों की सेहत काफी खबरा पाई गई है। कई वाहनों से तो कीमती सामान ही गायब कर दिया गया। काफी वाहनों की मरम्मत कराई गई। ऐसे में जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, पालिकाध्यक्ष ने वाहनों को क्षति पहुंचाये जाने के लिए एमआईटूसी से वित्तीय कटौती करने के निर्देश दिये हैं।
नगरपालिका परिषद् में अनुबंध के आधार पर एमआईटूसी कंपनी ने शहर के सभी 55 वार्डों में डोर टू डोर और डलावघरों से कूड़ा निस्तारण का कार्य फरवरी 2024 में संभाला था। इस दौरान पालिका की ओर से कंपनी को अपने 75 गारबेज टिपर वाहनों के साथ ही पांच जेसीबी, 11 डम्फर, 08 काम्पेक्टर, चार बुल लोडर टैक्टर और ट्रैक्टर-ट्रालियों सहित करीब 30 बड़े वाहन उपलब्ध कराये थे। 11 जून को काम बंद करने के बावजूद भी एमआईटूसी द्वारा पालिका को 105 वाहन हैंड ओवर नहीं किये जा रहे थे। इन वाहनों को कंपनी से हैंड ओवर लेने के लिए पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप के निर्देश पर ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने एक कमेटी का गठन किया था। इसमें नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार, जेई जलकल जितेन्द्र कुमार सैनी, सीएसएफआई योगेश गोलियान, एसएफआई प्लाक्षा मैनवाल और एक मैकेनिकल एक्सपर्ट को शामिल किया गया था।
ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि मंगलवार को एमआईटूसी के प्रोजेक्ट हैड ओपी दूबे ने एनएसए डॉ. अतुल कुमार को सभी वाहनों की चाबियां सौंप दी थीं। कमेटी ने सौंपे गये वाहनों का तकनीकी परीक्षण कराया, इसमें अधिकांश वाहन कबाड़ अवस्था में पालिका को सौंपे गये हैं। ये वाहन 11 जून से कंपनी ने पालिका के गैराज रुड़की रोड और भोपा रोड पर बंधक अवस्था में रखे हुए थे। गारबेज टिपर वाहनों की अवस्था ज्यादा खराब है। इनमें अधिकांश में टायर खत्म हैं, फिटनेस नहीं कराई गई, महत्वपूर्ण पार्टस और अन्य सामान भी निकाल लिया गया। वाहन क्षतिग्रस्त अवस्था में भी है। कुछ वाहनों की तत्काल मरम्मत कराई गई है। कमेटी ने वाहनों की दयनीय अवस्था के सम्बंध में अपनी रिपोर्ट सौंपी है। इससे पालिकाध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप को अवगत कराया गया तो उन्होंने वाहनों को पहुंचाई गई क्षति के रूप में एमआईटूसी की बंधक सिक्योरिटी मनी से क्षतिपूर्ति कराने के निर्देश दिये हैं, जिसके सम्बंध में कार्यवाही कराई जा रही है। बताया गया कि पालिका के पास एमआईटूसी की सिक्योरिटी मनी के रूप में करीब सवा करोड़ रुपये की धनराशि बंधक है।