मुजफ्फरनगर। आईआईए के चेयरमैन पवन गोयल ने संगठन की बैठक में सदस्य उद्यमियों के साथ प्रमुख समस्याओं पर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास में तेजी लाने एवं एक ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था के लिए लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में सशर्त बदलाव चाहिए। आईआईए ने उद्यमी महासम्मेलन 2023 में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड किये जाने की मांग रखी है। प्रदेश में ईज ऑफ डूइंग मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने एवं उद्योग संचालन में सरलता हेतु लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की महती आवश्यकता है।
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए), उत्तर प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक संगठन, लंबे समय से प्रदेश में लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग कर रहा है। 30 नवम्बर 2023 को आईआईए द्वारा लखनऊ में आयोजित एमएसएमई उद्यमी महासम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष भी इस मुद्दे को प्राथमिकता से रखकर प्रत्यावेदन दिया गया है। लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग का मुख्य कारण यह है कि यूपीसीडा या उद्योग निदेशालय द्वारा दी गई लीज होल्ड भूमि पर कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उद्यमियों को अनुमतियाँ प्राप्त करने में इन विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं और भ्रष्टाचार का शिकार होना पड़ता है। कहा कि लीज होल्ड भूमि का कानून ब्रिटिश शासन के दौरान लागू हुआ था, जब देशवासियों को गुलाम बनाया गया था। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अमृतकाल में गुलामी के अंशों से मुक्ति पाने का संकल्प लिया है। ऐसे में इस कानून को बदलने की नितांत आवश्यकता है। लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने से उत्तर प्रदेश को कई लाभ होंगे। जिसमें प्रशासनिक परेशानियां कम होने से उद्यमियों के समय की बचत होगी, जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास तीव्र होगा। प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद और राजस्व में बढ़ोतरी होने से सरकार का 1 ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी शीघ्र पूरा होगा।
देश के विभिन्न राज्यों जैसे हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम-बंगाल, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तमिलनाडु ने लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की पालिसी लागू है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास विभाग द्वारा विभिन्न कम्पनियों हेतु अधिग्रहित की गयी भूमि को फ्री होल्ड किये जाने सम्बन्धी नीति वर्ष 2016 में जारी कर दी गयी है जो एक हेक्टेयर अथवा उससे अधिक क्षेत्रफल में कार्यरत इकाइयों के लिए लागू है, जिससे सूक्ष्म और लघु उद्योग इस सुविधा से वंचित हैं। ऐसे में उन्होंने इस मुहिम को मजबूती के साथ चलाने और इसके लिए जनजागरण भी करने की पूरी रूपरेखा को बताया। बैठक में मुख्य रूप से चैप्टर चेयरमैन पवन कुमार गोयल, सचिव अमित जैन, पूर्व राष्ट्रीय महासचिव अश्विनी खण्डेलवाल, पूर्व चेयरमैन नीरज केडिया, मनोज अरोरा, विपुल भटनागर, नवीन जैन, सुधीर चंद गोयल और कोषाध्यक्ष अनुज स्वरूप बंसल उपस्थित रहे।