मुजफ्फरनगर। क्रांतिसेना ने संधावली बाईपास पर पिछले 22 सालों से संचालित हो रहे जोहरा अनाथालय की संदिग्ध गतिविधियों की उच्चस्तरीय जाँच करने की मांग क़ो लेकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा, जिसमें जांच कराने की मांग की गयी है।
क्रांतिसेना नेताओं ने अनाथालय के दो बच्चों के चितौडा झाल में डूब जाने व अनाथालय के 165 बच्चों के संदिग्ध रूप से गायब हो जाने की घटना पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि एक सप्ताह पूर्व राष्ट्रीय बाल अधिकार सरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो द्वारा अनाथालय के संचलकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराये जाने तथा अनाथालय मे चल रही गड़बड़ियों की जाँच के बीच बच्चों का डूबना और 165 बच्चों का गायब होना साबित करता है कि मामले मे कहीं ना कहीं जिला प्रोबेशन अधिकारी व बाल सरक्षण अधिकारी की सालिप्ता है। ज्ञापन में मांग करते हुए कहा कि 22 वर्षाे से बिना पंजीकरण के चल रहे अनाथालय के संचालकों को गिरफ्तार कर इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जाए और जिला प्रोबेशन अधिकारी और बाल संरक्षण अधिकारी की भूमिका की जांच कराई जाए। साथ ही अनाथालय में रह रहे बच्चों के आने के स्रोत व अनाथालय में आय के स्रोत का भी पता लगाया जाए।
क्रांति सेना नेताओ ने चेतावनी देते हुए कहा की यदि जल्दी ही हमारी मांगों पर कार्यवाही न की गई तो जिम्मेदार अधिकारियों का जोरदार घेराव करते हुए बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस अवसर पर मुख रूप से प्रदेश महासचिव मनोज सैनी, प्रदेश उपाध्यक्ष डा. योगेंद्र शर्मा, मंडल अध्यक्ष शरद कपूर, जिला अध्यक्ष महिला मोर्चा पूनम चौधरी, वरिष्ठ नेता राजेश कश्यप, जिला महासचिव देवेंद्र चौहान, जिला उपाध्यक्ष अमित गुप्ता, आशीष शर्मा, जिला सचिव प्रदीप कोरी, सुनील सैनी, नरेंद्र शर्मा, जिला महासचिव अंजू त्यागी, नगर अध्यक्ष नेहा गोयल, पूनम चाहल, मिथलेश देवी, दिग्विजय सिंह चौधरी, नितिन पवार, शैलेंद्र शर्मा और सोनू कश्यप आदि उपस्थित रहे।