मुजफ्फरनगर। गरीबों को दो जून की रोटी मुहैया कराने के लिए कोरोना काल से शुरू हुई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में भले ही सरकार अभी तक भी परिवारों को निःशुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए संवेदनशील बनी हो, लेकिन कोटेदार गरीबों के मंुह का निवाला छीनने से बाज नहीं आ रहे हैं। ऐसा ही एक मामला शहर में सामने आया है। यहां एक कोटेदार ने पहले तो दो माह का खाद्यान्न राशन कार्डधारक परिवारों को वितरित करने के बजाये उसके बाजार में बेचकर अनुचित आर्थिक लाभ कमाया और इस पर साहस यह कि इसके बाद खुद ही अपना कोटा लाइसेंस सरेंडर करने के लिए पूर्ति विभाग जाकर आवेदन कर दिया। डीएसओ ने जांच कराई तो इस कोटेदार की पोल खुली और जांच में सामने आया कि कोटेदार ने 293 कुन्तल से ज्यादा खाद्यान्न का गबन किया है। इसके बाद पूर्ति निरीक्षक ने डीएम के आदेश पर आरोपी के खिलाफ कोतवाली में एफआईआर दर्ज करा दी है।
जिला पूर्ति विभाग के पूर्ति निरीक्षक अभिव्यक्त कुमार राणा ने शहर कोतवाली में तहरीर देकर सरकारी खाद्यान्न का गबन करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने अपनी तहरीर में बताया कि शहर के मौहल्ला नवाबगंज में अनुज चौहान को विभाग के द्वारा उचित दर विक्रेता के रूप में खाद्यान्न वितरण करने के लिए लाइसेंस निर्गत किया गया था। बताया कि 17 मई 2024 को अनुज चौहान क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी नगर अमित कुमार यादव और पूर्ति निरीक्षक नगरीय क्षेत्र अभिव्यक्त कुमार राणा के समक्ष उपस्थित हुआ और प्रार्थना पत्र दिया कि वह अब आवंटित उचित दर दुकान चलाने का इच्छुक नहीं है और ई पॉश मशीन तथा इलेक्ट्रानिक तुला ;कांटाद्ध विभाग को वापस करना चाहता है। उसने यह भी बताया कि उसके द्वारा माह मई में खाद्यान्न वितरण नहीं किया गया है और उसकी दुकान में खाद्यान्न अवशेष नहीं है। अनुज के प्रार्थना पत्र पर क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी अमित ने पूर्ति निरीक्षक श्री राणा को जांच के लिए निर्देशित किया।
17 मई को ही पूर्ति निरीक्षक नगरीय क्षेत्र श्री राणा ने दोपहर के समय अनुज की दुकान का भौतिक सत्यापन किया। वहां पर भौतिक रूप से कोई भी खाद्यान्न उपलब्ध नहीं पाया गया। इसके बाद कोटेदार अनुज के द्वारा उपलब्ध कराये गये चालानों से स्टॉक की गणना की गई। इसमें बड़े गबन का खुलासा हुआ। पूर्ति निरीक्षक अभिव्यक्त कुमार राणा ने पुलिस को की गई शिकायत में बताया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 का करीब 293 कुन्तल खाद्यान्न अनुज की दुकान में स्टॉक के रूप में उपलब्ध होना चाहिए था, लेकिन मौके पर कुछ भी नहीं मिला। इसमें अन्त्योदय अन्न योजना और पात्र गृहस्थी योजना के अन्तर्गत गेहूं, चावल और चीनी खाद्यान्न के रूप में स्टॉक में नहीं मिली। पूर्ति निरीक्षक ने बताया कि जांच में अनुज के स्टॉक में एनएफएसए योजना का 117.28 कुन्तल गेहूं, 175.72 कुन्तल चावल तथा अन्त्योदय अन्न योजना में 0.09 कुन्तल चीनी नहीं मिली, जबकि इतना खाद्यान्न होना चाहिए था। भौतिक सत्यापन में खाद्यान्न की मात्रा शून्य मिलने पर जिला पूर्ति अधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने अनुज चौहान को कुल 293 कुन्तल खाद्यान्न, जिसमें 09 किलो ग्राम चीनी भी शामिल है, का नफा प्राप्त करने के लिए नाजायज तरीके से दुरूपयोग करने का दोषी मानते हुए जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी को रिपोर्ट भेजी, डीएम के आदेश पर उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3/7 के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया है। इंस्पेक्टर महावीर चौहान ने बताया कि एफआईआर दर्ज करने के बाद टीम को आरोपी की तलाश में लगा दिया गया है।
कोटेदार का लाइसेंस हुआ सस्पेंड, 693 राशन कार्ड अटैच
मुजफ्फरनगर। जिला पूर्ति अधिकारी राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि अपना लाइसेंस सरेंडर करने के लिए आवेदन करने वाले कोटेदार अनुज ने बड़े पैमाने पर खाद्यान्न का गबन कर अनुचित ढंग से आर्थिक लाभ अर्जित किया है। जांच में इसका खुलासा होने पर कानूनी कार्यवाही की गई, इसके साथ ही विभागीय कार्यवाही भी की जा रही है।
डीएसओ राघवेन्द्र सिंह ने बताया कि कोटेदार अनुज का कृत्य गंभीर है। शहर नवाबगंज का मौहल्ला सरकारी राशन बेचने के इस मामले में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है। उसने कई माह तक खाद्यान्न वितरण नहीं किया। जांच के बाद डीएम के आदेश पर उसका लाइसेंस निलम्बित करने के साथ ही विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अनुज की दुकान पर लगाये गये 693 राशन कार्डों को शहर के मौहल्ला आबकारी में ओमप्रकाश डीलर से अटैच कर दिया गया है। वहीं से लोगों को आगामी माह का खाद्यान्न वितरित किया जायेगा। इसके साथ ही अनुज को आवंटित ई पॉश मशीन और इलेक्ट्रिानिक कांटा रामलीला टिल्ला के उचित दर विक्रेता सुन्दर सिंह को हस्तगत करा दिया गया है।