मुजफ्फरनगर। जिला कारागार में रक्षाबंधन का पर्व इस बार भावनाओं के रंग से सराबोर रहा। यहां एक पारिवारिक मेला लगा नजर आया। दूर दराज से बहनें आई और भाई भी पहुंचे थे, लेकिन सलाखों के पार राखी बांधते वक्त इस भीड़ में आठ भाई और बहन ऐसे भी थे, जो इसी कारागार का हिस्सा बनकर रह गये। अपनी अपनी बैरकों से निकलकर जब वो एक दूसरे के सामने आकर खड़े हुए तो उनकी आंखें नम हो गईं, चेहरे पर मुस्कान के साथ इस मिलन की खुशी में जल्द ही जेल की बंदिश से निकलने की उम्मीद भी थी। बहनों ने भाइयों को अपराध की राह छोड़कर सम्मानजनक जिंदगी अपनाने का वचन दिलाया और बच्चों ने मिठाई खिलाकर रिश्तों में मिठास घोल दी।
रक्षाबंधन का पावन पर्व इस बार मुजफ्फरनगर जिला कारागार में भावुक पलों के साथ मनाया गया। जेल अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि शनिवार को जेल में रक्षाबंधन के दौरान दौरान 658 पुरुष बंदियों और 17 महिला बंदी बहनों से उनके परिजनों की मुलाकात कराई गई। इसके लिए विशेष मुलाकात की व्यवस्था की गई, जिसमें 955 महिलाएं, 395 बच्चे और 2 पुरुष अपने बंदी रिश्तेदारों से मिलने जिला कारागार पहुंचे थे।
बताया कि कारागार में पहुंची बहनों ने अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांधकर उन्हें अपराध की राह छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटने का संकल्प दिलाया। इसके साथ ही मिठाई खिलाकर एक-दूसरे के प्रति स्नेह और अपनापन जताया। मुलाकात के दौरान कई बंदी और उनकी बहनें भावुक हो गईं। उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन पर जेल में बंद 8 भाइयों ने भी महिला बैरक में बंद चल रही अपनी बहनों से राखी बंधवाई। इन आठ भाई-बहनों की मुलाकात भावनाओं से ओतप्रोत रही। जिला कारागार परिसर में मुलाकात को सुगम बनाने के लिए बाहर टेंट लगाए गए और पानी, चाय, निःशुल्क राखी, टॉफी व चॉकलेट की व्यवस्था की गई। इस मौके पर जेल अधीक्षक अभिषेक चौधरी, जेलर नीरज श्रीवास्तव, डिप्टी जेलर दीपक सिंह, हेमराज सिंह, यशकेन्द्र यादव और पूरा कारागार स्टाफ मौजूद रहा।