मुजफ्फरनगर। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी मोहिन बेनीवाल ने कहा कि लोकमाता के नाम से प्रसि( हुई देवी अहिल्याबाई होलकर का जीवन सांस्कृतिक पुनर्जागरण और धर्म की रक्षा को ही समर्पित रहा। उन्होंने सामाजिक समरसता के लिए बड़ा काम किया।
भारतीय जनता पार्टी के गांधीनगर स्थित जिला कार्यालय पर बुधवार को अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंत के उपलक्ष में पार्टी द्वारा चलाये जा रहे त्रिशताब्दी स्मृति अभियान-2025 के अंतर्गत जिला संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष डॉ. सुधीर सैनी और संचालन सुनील दर्शन ने किया। मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप में प्रदेश उपाध्यक्ष एमएलसी मोहित बेनीवाल उपस्थित रहे। विशिष्टि अतिथियों में प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीरपाल निर्वाल और नगरपालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप का कार्यकर्ताओं ने स्वागत किया।
मुख्य अतिथि मोहित बेनीवाल ने अपने संबोधन में कहा कि तीन सौ वर्ष पूर्व एक चरवाहे के घर जन्मी अहिल्याबाई होलकर दृढ़ इच्छाशक्ति, ईश्वर में अटूट आस्था और वीरता की प्रतीक थीं। वे वर्तमान पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। भाजपा ने राष्ट्रीय स्तर पर जनजागरण अभियान शुरू कर उनकी जीवनी और उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ता पूर्ण समर्पण के साथ जुटेंगे।
अहिल्याबाई होलकर का जन्म 31 मई 1725 को महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के चौंडी गांव में हुआ था। उनके 30 वर्ष के कार्यकाल को सुशासन, न्यायप्रियता, सामाजिक समरसता, धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के कार्यों के लिए जाना जाता है। कहा कि देवी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ से लेकर सोमनाथ मंदिर तक देशभर के लगभग 10 हजार मंदिरों का जीर्णाे(ार कराया था। उन्होंने नारी सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और राष्ट्रनिर्माण के लिए अपने जीवन को पूरी तरह से समर्पित किया।
मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने संबोधित करते हुए कहा कि आज, जब हम नारी सशक्तिकरण की बात करते हैं, तो अहिल्याबाई का जीवन आदर्श बनकर हमारे सामने खड़ा होता है। उन्होंने साबित किया कि संकल्प, विवेक और धर्मपरायणता के साथ कोई भी स्त्री समाज और राष्ट्र की दिशा को बदल सकती है।
उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई होल्कर का संपूर्ण जीवन सेवा, समर्पण, त्याग और राष्ट्रधर्म के प्रति अपार निष्ठा का अद्भुत उदाहरण है। उन्होंने नारी नेतृत्व की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत की जहाँ उन्होंने एक न्यायप्रिय शासिका और धार्मिक-सांस्कृतिक पुनर्जागरण की वाहिका के रूप में कार्य किया। काशी विश्वनाथ मंदिर से लेकर अनेक तीर्थस्थलों के जीर्णाे(ार तक, उनका हर कार्य सनातन मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक युगांतकारी प्रयास रहा।
नगरपालिका अध्यक्ष मीनाक्षी स्वरूप ने कहा कि महिला सशिक्तकरण की प्रतीक देवी अहिल्याबाई ने ही बाबा विश्वनाथ के मंदिर को वर्तमान स्वरूप देने काम किया था। राष्ट्र निर्माण को समर्पित रहने वाली इस रानी को देश हमेशा ही याद रखेगा। भाजपा सरकार ने उनके नाम पर वाराणसी और मेरठ समेत सात जनपदों में श्रमजीवी महिला हॉस्टल बनवाकर उनके योगदान को जीवंतता देने का काम किया है। अंत में जिलाध्यक्ष डॉ. सुधीर सैनी ने सभी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महापुरुषों की कोई भी जाति धर्म नहीं होती है। 31 मई को देवी अहिल्याबाई की जयंती पर इस अभियान का समापन किया जायेगा। इस दौरान मुख्य रूप से प्रदीप सैनी, पुरूषोत्तम गौतम, सुरेश तितौरिया, सुरेन्द्र देव शर्मा, ब्लॉक प्रमुख अक्षय पुंडीर, गौरव पंवार, शरद शर्मा, पवन अरोरा, संजय गर्ग, ममता अग्रवाल, गीता जैन, अचिंत मित्तल, श्रीमोहन तायल, डॉ. देशबंधु तोमर, तरूण पाल, मनी पटपटिया, सभासद बॉबी सिंह, मनोज वर्मा, योगेश मित्तल, अमित पटपटिया, रोहताश पाल, सुनील तायल, प्रवीण खेडा, दीपक मित्तल, नंद किशोर पाल, अमित शास्त्री सहित सैंकड़ों कार्यकर्ता मौजूद रहे।