मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् और डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कर रही कंपनी के बीच अनुबंध को जानने और कर्मचारियों के वेतन सम्बंधी समस्या का निस्तारण करने गुरूवार को सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप टाउनहाल पहुंचे और तीनों पक्षों के साथ मीटिंग करते हुए वार्ता की। इस बीच कंपनी के लोगों को सिटी मजिस्ट्रेट द्वारा अनुबंध की शर्तों के अनुसार कर्मचारियों को वेतन नहीं देने और अन्य कार्य में शिथिलता बरतने को लेकर उन्होंने फटकार भी लगाई। सिटी मजिस्ट्रेट के निर्देश पर कंपनी से 11 लाख रुपये का चैक यूजर चार्ज मद में लेकर पालिका ने कंपनी को 32 लाख रुपये का भुगतान करने का भरोसा दिया। शुक्रवार तक कर्मियों को एक माह का वेतन मिलने का रास्ता साफ हुआ।
दिल्ली की एमआईटूसी सिक्योरिटी एण्ड फैसिलिटी प्रा. लि. के द्वारा नगरपालिका के साथ मिलकर डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन और डलाव घरों से कूड़ा निस्तारण किया जा रहा है। पिछले दिनों से कंपनी के साथ प्राइमरी सेक्शन में काम कर रहे करीब 300 कर्मचारियों को वेतन नहीं मिलने और पीएफ नहीं दिए जाने को लेकर पांच दिनों तक हड़ताल चली। सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप ने कर्मचारियों की समस्याओं को सुनकर वेतन दिलाने का भरोसा दिया था, जिस पर कर्मचारी काम पर लौट आये थे। मंगलवार को वेतन भुगतान होना था, लेकिन कंपनी ने वेतन नहीं दिया। कंपनी ने बताया था कि पालिका से उनको प्रतिमाह होने वाला 92 लाख रुपये का भुगतान नहीं किया गया।
गुरूवार को मामले का निस्तारण करने के लिए सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप टाउनहाल पहंुचे और ईओ कक्ष में कंपनी के अधिकारियों, ईओ तथा कर्मचारियों के साथ वार्ता की। इस मीटिंग के दौरान सिटी मजिस्ट्रेट को ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने अनुबंध दिखाया, जिसमें वेतन देने की जिम्मेदारी कंपनी की होने की बात साफ हो जाने पर उन्होंने कंपनी के लोगों को जमकर हड़काया। सिटी मजिस्ट्रेट की मध्यस्तथा के बीच सहमति बनी कि कर्मचारियों के वेतन जितना भुगतान कंपनी को पालिका द्वारा किया जायेगा। कंपनी की ओर से माह अक्टूबर और नवम्बर के वेतन का भुगतान किया जाना है। इसमें अक्टूबर माह के वेतन में कंपनी द्वारा करीब 8 लाख रुपये वेतन मद में कर्मचारियों को दिये गये हैं। कंपनी ने बताया कि करीब 45 लाख रुपये वेतन मद में जाने हैं। इनमें से आठ लाख रुपये की कटौती करते हुए 32 लाख रुपये का भुगतान पालिका प्रशासन द्वारा करने पर सहमति प्रदान कर दी है। शुक्रवार तक कंपनी को कर्मचारियों का अक्टूबर माह का वेतन जारी करने के लिए सख्त निर्देश दिए गये। इस दौरान सिटी मजिस्ट्रेट विकास कश्यप के साथ ही मीटिंग में ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अतुल कुमार, कंपनी के परियोजना प्रबंधक पुष्पराज सिंह, प्रबंधक ओमप्रकाश दूबे के साथ ही कर्मचारी जितेन्द्र वाल्मीकि, संजय वाल्मीकि, अंकित, अश्वनी, रविंद्र, नरेश, विशु, आयुष , सागर, सनी, अनुज, राजा, गौरव, कार्तिक, अक्षय, आजाद, नावेद, बबलू, अर्जुन और अविनाश मौजूद रहे।
पालिका को कंपनी ने बिना पैसे चैक देकर किया गुमराह, ईओ ने जताई नाराजगी
मुजफ्फरनगर। एमआईटूसी कंपनी द्वारा एक बार फिर से पालिका से रकम हासिल करने के लिए बिना पैसे ही चैक देकर गुमराह करने का काम किया गया। दरअसल प्रतिमाह कंपनी को पालिका 92 लाख रुपये का भुगतान करती है। ऐसे में कंपनी को प्रतिमाह पालिका में यूजर चार्ज वसूल कर पैसा जमा कराना होता है। कर्मचारियों के वेतन की समस्या बनने पर कंपनी द्वारा पालिका में यूजर चार्ज वसूली के 11 लाख रुपये का चैक दिया, लेकिन उसके खाते में पैसा ही नहीं था, जिस कारण यह चैक बाउंस हो गया।
यह मामला भी मीटिंग में उठा और ईओ ने कड़ी नाराजगी जताई। ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने बताया कि कंपनी की ओर से यूजर चार्ज की मद में 11 लाख का चैक दिया गया था, जिसको खाते में लगाया गया तो वो बाउंस हो गया। आज मीटिंग के दौरान भी कंपनी की ओर से सिटी मजिस्ट्रेट के समक्ष 11 लाख का नया चैक उपलब्ध कराया गया, लेकिन उसको तत्काल ही बैंक में भेजकर कंपनी के खाते को चैक कराया गया तो उसमें मात्र 6 लाख रुपये ही जमा पाये गये। कंपनी की ओर से भरोसा दिया गया कि शाम तक पूरा पैसा खाते में आ जायेगा, इसके बाद ही चैक लगाया जायेगा। पालिका ने कंपनी को 32 लाख का चैक दिया है, यह इस शर्त पर भुगतान होगा जबकि कंपनी का 11 लाख का चैक क्लियर हो जायेगा। इससे पहले भी कंपनी के द्वारा 20 लाख का चैक दिया गया था, जो बाउंस हो गया था। इसको लेकर ईओ ने कंपनी के लोगों को कड़ी चेतावनी भी दी है। वहीं कंपनी के परियोजना प्रबंधक पुष्पराज सिंह का कहना है कि पालिका की ओर से भुगतान नहीं किया जाना है कि समस्या पैदा कर रहा है। सितम्बर माह में 50 प्रतिशत भुगतान में कटौती की गई और अब अक्टूबर माह के भुगतान में भी केवल 32 लाख ही दिये जा रहे हैं।