मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् का अपना इंडिया गेट बनकर तैयार है, इसको रंगाई-पुताई के बाद नया रंगरूप दिया गया है, लेकिन इस इंडिया गेट पर ग्रेनाइट के पत्थर की जगह कुछ रंगों ने ली तो सवाल उठने लगे। ग्रेनाइट लगाने के बजाये पुताई का काम कराकर अब इस पर गेट लगाने की तैयारी है। निर्माण विभाग के बदले इरादे पर कई लोग सवाल उठाने लगे हैं तो विभागीय स्तर पर बात भी साफ कर दी गई कि ग्रेनाइट का जो पत्थर पसंद किया गया, उसकी लागत ज्यादा होने के कारण ही इरादा बदला गया है। अब पत्थर लगाने के बजाये रंगाई कराकर इसको जनता को समर्पित करने की तैयारी है।
बता दें कि नगरपालिका परिषद् के मुख्यालय टाउनहाल के तीनों रास्तों के मुख्य द्वारों को नया रूप देने के लिए चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप ने राज्य वित्त से बड़े गेट का निर्माण कराने की कवायद की। इसके लिए तीनों गेट के निर्माण के लिए टैण्डर निकाले गये। सुभाष चन्द्र बोस स्मारक के सामने और पीर वाली साइड के गेट के निर्माण के लिए भारतीय कंस्ट्रक्शन फर्म तथा झांसी की रानी वाले गेट के निर्माण के लिए मनीष कुमार ठेकेदार को टैण्डर मिला। इसमें दो गेट के निर्माण का कार्य प्रारम्भ किया गया है, जिसमें सुभाष मूर्ति वाला गेट बनकर तैयार है।
इसे दिल्ली के इंडिया गेट की तर्ज पर उसी से मिलते जुलते नक्शे पर बनवाया गया है। इसके लिए दिल्ली के आर्किटेक्ट से डिजाइन बनवाया गया। पालिका के निर्माण विभाग के द्वारा इन तीनों गेट के निर्माण के लिए करीब 28 लाख रुपये राज्य वित्त के अन्तर्गत खर्च किये जाने हैं। इसमें पालिका के तैयार हुए इंडिया गेट के निर्माण को लेकर कुछ सवाल उठ रहे हैं। बताया गया है कि पालिका के निर्माण विभाग ने इस मुख्य द्वार के निर्माण के लिए पूरे गेट पर ही ग्रेनाइट का पत्थर लगवाने की तैयारी की थी और ठेकेदार को निर्देशित किया गया था। इस गेट के व्यास करीब तीन हजार वर्ग फुट के लिए पत्थर की तलाश भी शुरू हुई, लेकिन जो पत्थर निर्माण विभाग की ओर से पसंद किया गया, उसकी कीमत और लागत कुल टैण्डर रकम से भी ज्यादा बैठने पर यह इरादा बदलकर इंडिया गेट के ग्रेनाइट को रंगाई पुताई तक सीमित कर दिया गया।
पालिका के सहायक अभियंता निर्माण अखंड प्रताप का कहना है कि टाउनहाल में ठेकेदार फर्म भारतीय कंस्ट्रक्शन द्वारा निर्मित कराये गये मुख्य द्वार के निर्माण में ग्रेनाइट पत्थर लगाने का विचार था, लेकिन जो सैम्पल पसंद किया गया, उसकी लागत काफी होने के कारण यह निर्णय बदला गया है। इसमें कोई भी नियम के खिलाफ काम नहीं हुआ है। विभागीय स्तर पर मौके पर कार्य में बदलाव किया जा सकता है। पालिका जेई निर्माण कपिल कुमार ने बताया कि इंडिया गेट की तर्ज पर बने गेट का व्ययानुमान करीब 13 लाख रुपये का तय किया गया था। किसी भी कार्य में दस प्रतिशत की वृ(ि की जा सकती है, जबकि पत्थर करीब 10 लाख रुपये की लागत का होने के कारण इसको रद्द किया गया है। इसके बाद ही पुताई कराने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि जो भी निर्माण कार्य पूर्ण होता है, उसका स्थलीय मेजरमेंट कराने के बाद जो स्थिति बनती है, उसी के अनुसार भुगतान बिल तैयार किया जाता है। इसमें पत्थर के बजाये यदि पुताई हुई है तो भुगतान भी रंगाई पुताई का ही किया जायेगा।
ठेकेदार फर्म भारतीय कंस्ट्रक्शन के मालिक अनिल कुमार एडवोकेट ने बताया कि पालिका द्वारा टाउनहाल के तीनों गेट का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें दो गेट उनको मिले हैं, एक गेट की लागत के लिए 9.17 लाख रुपये में उनको ठेका दिया गया है। तीनों गेट के निर्माण पर करीब 28 लाख रुपये की लागत आयेगी। बताया कि तैयार इंडिया गेट का व्यास करीब 3 हजार वर्ग फुट है और जो पत्थर निर्माण विभाग ने पसंद कर उनको सैम्पल दिया था, उसकी कीमत और लागत करीब 500 रुपये वर्ग फुट बैठ रही थी। ऐसे में पत्थर ही करीब 15 लाख रुपये कीमत का होने के कारण निर्माण विभाग ने इसे रद्द करते हुए पुताई कराने के निर्देश दिये हैं। गेट से नीचे उतरने के लिए बनाई गई सीढ़ियों पर ग्रेनाइट का पत्थर ही लगाया गया है। इसमें कोई भी गड़बड़ी नहीं हुई है।