मुजफ्फरनगर। अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर का उद्घाटन होने के दौरान सरकार या ट्रस्ट की ओर से न्यौता नहीं मिलने के कारण अपने बयानों को लेकर काफी चर्चाओं में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारियों और क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं के साथ अयोध्या धाम पहुंचकर श्रीराम मंदिर का भ्रमण किया और भगवान श्री रामलला के दर्शन करते हुए पूजा अर्चना की। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम दुनिया भर के सनातन धर्म संस्कृति को मानने वाले लोगों के आस्था का प्रतीक हैं, भगवान राम के नाम पर राजनीतिक कतई नहीं होनी चाहिए। ऐसे लोगों को आस्था का सम्मान करना सीखना होगा। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम से देश और किसानों के लिए सुख समृद्धि की कामना की और वहां से बिहार की किसान पंचायत के लिए यूनियन नेताओं के साथ रवाना हो गये।

22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा अयोध्या धाम में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन किया गया था। इस यहां भगवान श्री रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए देश और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से भगवान राम के लाखों भक्त पहुंचे थे। इससे पूर्व श्रीराम मंदिर न्यास ट्रस्ट की ओर से विशेष रूप से विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत और नाम कमाने वाले लोगों को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए आमंत्रण भेजे गये थे, लेकिन भारतीय किसान यूनियन के किसी भी शीर्ष पदाधिकारी को न्यौता नहीं मिला था। इस दौरान लगातार भाकियू के शीर्ष पंक्ति के नेताओं के द्वारा बयानबाजी की जाती रही। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाने की बात कहते हुए यूनियन नेताओं ने अलग से दर्शन करने का प्रोग्राम तय करने की बात कही थी।
इसी को लेकर कई दिनों से लखनऊ दौरे पर रहे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने यूनियन के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ अयोध्या धाम पहुंचकर भगवान श्रीराम मंदिर का भ्रमण किया और वहां श्री रामलला के दर्शन किये। सुरक्षा कर्मियों ने उनको वीआईपी व्यवस्था के तहत मंदिर का भ्रमण कराया और भगवान श्री रामलला के दर्शन के दौरान मंदिर के पूजारी ने भगवा पटका पहनाकर सभी मेहमानों का स्वागत व अभिनंदन किया। भगवान श्रीराम के दर्शन को लेकर भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि उन्होंने देश में सुख-शांति और किसानों की समृद्धि की कामना के साथ भगवान श्री रामलला के दर्शन किये हैं। भगवान राम सभी के हैं, उन पर किसी का एकाधिकार नहीं हो सकता है।
वो देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर के सनातनी धर्म संस्कृति को मानने वाले लोगों की आस्था का प्रतीक है, लेकिन दुखद यह है कि देश में कुछ लोगों ने सत्ता के लालच के लिए भगवान राम को राजनीति का प्रतीक बनाकर रख दिया है। धर्म और आस्था से ऐसे लोग खिवालड़ कर रहे हैं। राम राजनीति नहीं मर्यादा के प्रचारक हैं। राम लोगों के बीच बंटवारे के नहीं, बल्कि पारिवारिक गठजोड़ के परिचायक हैं। उनका जीवन परिवार, समाज और प्रजा के हितों को लेकर ही बीता। ऐसे में देश में भगवान राम के नाम की राजनीति बंद होनी चाहिए। मंदिर की भव्यता को लेकर उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का धाम आलौकिक होना ही चाहिए। इसके प्रति सभी की भावना और आस्था एक समान है। उन्होंने कहा कि किसानों को देश में समृद्धि मिलेगी तो देश भी शक्तिशाली बनेगा।

इससे पूर्व भाकियू नेता राकेश टिकैत लखनऊ से बाराबंकी पहुंचे, जहां रास्ते में उनका यूनियन कार्यकर्ताओं और किसानों ने जोशीले अंदाज में कई स्थानों पर स्वागत किया। इस यात्रा के दौरान जनपद बाराबंकी में टिकैत चैराहा पर महात्मा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद वो अयोध्या पहुंचे थे। राकेश टिकैत ने बताया कि वो अयोध्या से बिहार पहुंच रहे हैं। वहां पर जिला बक्सर के चैसा में स्थानीय किसानों की समस्याओं को लेकर बड़ी पंचायत तय की गयी है। इसमें दूसरे किसान संगठनों के बड़े नेता भी शामिल रहेंगे। किसानों के हितों को लेकर यह लड़ाई और संघर्ष जारी रखा जायेगा। आंदोलन से ही खेती और किसानी को हम बचा सकते हैं। इसके लिए किसानों को एक राय और एकजुट होकर जुड़ेन की उन्होंने अ पील की। इस दौरान उनके साथ में भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय महासचिव राजवीर सिंह जादौन, युवा विंग के प्रदेश अध्यक्ष अंकित कुमार सहित अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता मौजूद रहे।