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UP GANNA PRICE–छह साल में बढ़ा 45 रुपये गन्ना मूल्य, किसान खफा

मुजफ्फरनगर। इस बार चुनावी साल में गन्ना किसानों को यूपी सरकार से गन्ना मूल्य के रूप में किसी बड़े तोहफे की उम्मीद थी, लेकिन यूपी की भाजपा सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के दूसरे गन्ना मूल्य बढ़ोतरी के बावजूद किसानों में नाराजगी और गुस्सा नजर आ रहा है। किसान नेताओं ने इस गन्ना मूल्य को अस्वीकार करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गन्ना फसल पर आ रही लागत और बाजार में चीनी के भाव, बढ़ती महंगाई को देखते हुए पुनःविचार करते हुए कम से कम हरियाणा और पंजाब राज्यों की तर्ज पर गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चै. नरेश टिकैत ने गन्ना मूल्य में की गई 20 रुपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी को नाकाफी बताते हुए कहा कि सीएम योगी ने छह साल की अपनी सरकार में 45 रुपये गन्ना मूल्य बढ़ाया है। उन्होंने यूपी में 450 रुपये का भाव मांगा है। इसके साथ ही किसानों ने भी इस बढ़तरी पर नाराजगी जताते हुए यूपी की योगी सरकार द्वारा दिये गये इस तोहफे को नामंजूर कर दिया है।

यूपी में किसान काफी दिनों ने प्रदेश सरकार से गन्ना मूल्य घोषित करने की मांग कर रहे थे। इसके लिए किसान संगठनों के द्वारा अपने अपने स्तर से आंदोलन भी चलाये जा रहे हैं। कचहरी में 17 दिन से भारतीय किसान यूनियन अराजनैति द्वारा धरना दिया जा रहा है। गुरूवार की सुबह प्रदेश सरकार ने गन्ना मूल्य घोषित कर दिया। कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पर चर्चा की और फिर से सरकार ने इस पेराई सत्र के लिए 20 रुपये प्रति कुंतल भाव बढ़ाने का ऐलान किया। तीनों ही किस्मों में 20 रुपये प्रति कुंतल का भाव किसानों को दिया जायेगा। सरकार की इस घोषणा को किसानों के लिए तोहफा करार दिया गया, लेकिन किसान इससे खफा नजर आये और सीएम योगी के इस तोहफे को नाकाफी बताते हुए नामंजूर कर दिया।

भाकियू सुप्रीमो चैधरी नरेश टिकैत ने यूपी सरकार द्वारा गन्ना मूल्य में 20 रूपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी किये जाने के फैसले को नाकाफी बताते हुए गन्ना मूल्य यहां पर 450 रुपये प्रति कुंतल किए जाने की मांग की है। गन्ना मूल्य बढ़ाने की सरकारी घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नरेश टिकैत ने कहा कि इसके पहले, गन्ना मूल्य को लेकर प्रदेश सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले 2021 में भी 25 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की थी। उन्होंने कहा कि इस बार भी चुनावी वर्ष है और लगभग 3 वर्ष बाद गन्ने के दाम में मामूली बढ़ोतरी की गई है जिसको लेकर किसान संतुष्ट नहीं है। उन्होंने योगी सरकार से गन्ने के दाम के लिए पुन विचार करते हुए प्रदेश में गन्ने का दाम 450 रुपए प्रति कुंतल करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में सामान्य गन्ने का मूल्य 340 रुपये प्रति कुंतल और अगेती प्रजापति के गन्ने का मूल्य 350 रुपये प्रति कुंतल की दर पर किसानों को मिल रहा है। ऐसे में देखा जाये तो किसानों को यहां पर 370 रुपये का भाव मिल पायेगा, जो दूसरे प्रदेशों से कम ही है। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि खेती महंगी हो रही है, इतनी बढ़ोतरी से क्या होगा। कृषि यंत्रों, कीटनाशक, जुताई, डीजल समेत अन्य चीजों के दाम बढ़े हैं। छोटी जोत के किसानों के लिए हालात विकट हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने 20 रुपये बढ़ाए हैं, लेकिन यह लाभकारी मूल्य नहीं है। इस दाम से किसान की आय दोगुनी नहीं हो सकती। किसानों को और अधिक राहत दिए जाने की जरूरत थी।

भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि पिछले साल भी गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी नहीं हुई थी, इस बार कम से कम हरियाणा और पंजाब जितना गन्ने का भाव तो होना चाहिए था। सरकार के फैसले को नाकाफी बताते हुए धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि गन्ने से बनने वाले सभी उत्पाद भी महंगे हो रहे हैं और चीनी का भाव भी 25 परसेंट से अधिक बड़ा है, इसलिए गन्ने का भाव हरियाणा पंजाब के बराबर होना चाहिए। उन्होंने सरकार से दोबारा विचार कर मूल्य 400 रुपये करने की मांग की है।

भाकियू के युवा मंडल अध्यक्ष विकास शर्मा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि सरकार द्वारा किसानों के साथ एक भद्दा मजाक किया गया है, यह ऊंट के मुंह में जीरा समान है। अबकी बार चुनाव का सीजन है और किस सरकार से 450 रुपए प्रति कुंतल के रेट की मांग कर रहे थे, सरकार ने 20 रुपये बढ़ाकर किसानों की कमर तोड़ने का काम किया है। पुन विचार कर सरकार किसानों को फसल का वाजिब दाम देने के लिए निर्णय करे। किसान क्रांति सेना के मंडल अध्यक्ष चै. शक्ति सिंह ने कहा कि ये मूल्य बढ़ोतरी पर्याप्त नहीं है। उन्होंने इसे निराशाजनक बताते हुए कहा कि पड़ोसी राज्य हरियाणा में 386 रुपए कुंतल व पंजाब में 392 रुपए कुंतल गन्ने का भाव घोषित किया गया है, ऐसे में यूपी सरकार द्वारा अगेती प्रजाति का 350 से 370 रुपए कर देना और अन्य प्रजातियों के लिए भी पिछले भाव से 20 रूपये बढ़ाना किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने उचित गन्ना मूल्य की घोषणा की मांग करते हुए कहा कि ऐसा नहीं हुआ तो आंदोलन करने पर विचार होगा।

सरकार के खिलाफ 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च करेंगे किसानः राकेश टिकैत

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भारतीय किसान यूनियन का चार दिवसीय 36वां राष्ट्रीय अधिवेशन गुरूवार को सम्पन्न हो गया। इस दौरान यूपी सरकार के द्वारा की गयी गन्ना मूल्य की घोषणा को लेकर खासी नाराजगी दिखाई दी। अंतिम दिन आयोजन पंचायत में राष्ट्रीय प्रवक्ता चै. राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार से उम्मीद थी कि 400 रुपये का भाव होगा, लेकिन उम्मीदों को झटका लगा है। किसानों को दिल्ली आंदोलन को याद रखना होगा। अब आगे भी आंदोलन किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को ब्लाॅक स्तर पर भाकियू कार्यकर्ताओं के साथ किसान ट्रैक्टर मार्च करेंगे। यह शांतिपूर्वक प्रदर्शन पूरे प्रदेश में होगा। इसके बाद 16 फरवरी को ट्रेड यूनियन के भारत बंद में भी यूनियन अपनी सहभागिता करेगी और इस दिन किसान पूर्ण खेतबंदी करते हुए खेतों पर हड़ताल करेगा। काम नहीं करेगा। इस दिन शुगर मिलों को गन्ना नहीं पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद 14 मार्च को दिल्ली में बड़ा आंदोलन करने जा रहे हैं, इसके लिए भी किसान अपनी तैयारी रखें और दिल्ली कूच भारी संख्या में करें। आंदोलन से ही सरकार किसानों की बात मान सकती है। 

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