मुजफ्फरनगर। साल 2013 में जनपद मुजफ्फरनगर में केवल कांड की घटना के बाद बाढ़ की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान काफी चर्चाओं में रहे भाजपा के फायर ब्रांड नेता एवं जानसठ ब्लॉक के पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह कुतुबपुर का आज सवेरे अपने आवास पर आकस्मिक निधन हो जाने से सभी लोग सकते में हैं।
जानसठ क्षेत्र के गांव कुतुबपुर के मूल निवासी वीरेंद्र सिंह अपनी फायर ब्रांड छवि के कारण हमेशा ही जिले की राजनीति में एक अलग स्थान पाने में सफल रहे हैं। मुजफ्फरनगर जनपद में साल 2013 में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह संजीव बालियान और उमेश मलिक, संगीत सोम और सुरेश राणा जैसे नेताओं के साथ कवाल कांड के दौरान मारे गए गौरव और सचिन के परिवारों को इंसाफ दिलाने के लिए आवाज बुलंद करने के लिए सबसे आगे रहे। यही कारण था कि उनको जेल तक भी जाना पड़ा। इसके बाद भी उन्होंने मुजफ्फरनगर दंगों के दौरान झूठे मुकदमों में फसाये गए लोगों को इंसाफ दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी।
रविवार 18 फरवरी की सुबह करीब 4:30 बजे गांव को तो पूरी स्थित आवास पर और प्रमुख वीरेंद्र सिंह का आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन का समाचार लगते ही पूरे गांव में शोक का वातावरण बन गया। जिले के लोग भी यह खबर सुनकर भौचक रह गए। सवेरे से ही उनके गांव स्थित आवास पर लोगों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया था। केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव बालियान राज्य मंत्री स्वतंत्रता पर आधार कपिल देव अग्रवाल पूर्व विधायक उमेश मलिक सहित जिले के कहीं नेताओं ने उनके निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्ति है। गांव कुतुबपुर में दोपहर बाद पूर्व प्रमुख वीरेंद्र सिंह का अंतिम संस्कार कराए जाने की तैयारी चल रही है।