शंभू बॉर्डर पर रविवार को माहौल शांतिपूर्ण बना रहा। हालांकि बॉर्डर पर काफी भीड़ रही। यहां तक कि महिलाएं भी अपने बच्चों के साथ बॉर्डर पर पहुंचीं। महिलाओं ने कहा कि वह अपने बच्चों को बॉर्डर दिखाने लाई हैं। बच्चों को बता रही हैं कि यहीं पर उनके पंजाब के किसानों पर जबर ढहाया गया है, जिससे उन्हें भी प्रेरणा मिले और आगे जाकर इन्होंने ही इस लड़ाई को आगे बढ़ाना है। हालांकि हरियाणा सरकार की तरफ से अभी भी पुल पर कड़े सुरक्षा प्रबंध कर रखे हैं। बॉर्डर के नजदीक बड़े-बड़े कीलों के साथ लोहे की कटीली तारें लगी हैं और फिर सीमेंट की मजबूत बैरिकेडिंग के बाद भारी सुरक्षा बल तैनात हुआ है। नदी के पास भी पुलिस बल तैनात है, ताकि वहां से भी किसान आगे न बढ़ सकें। उधर, किसानों की तरफ से भी बॉर्डर से करीब एक किलोमीटर पहले रस्सी लगा रखी है। उधर, किसान नेताओं की ओर से तय कार्यक्रम के मुताबिक रविवार को डब्ल्यूटीओ किस तरह से खेती सेक्टर को प्रभावित कर रहा है, उस पर विचार चर्चा के लिए माहिर बुलाए गए थे। मीडिया से बात करते किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्र सरकार कहती है कि अगर सभी 23 फसलों पर एमएसपी की कानूनी गारंटी दे दी, तो बाजार में महंगाई हो जाएगी। लेकिन वह इससे असहमत हैं। पंधेर ने दावा किया कि एमएसपी की कानूनी गारंटी मिलने से बाजार में चीजों की कीमतें नियंत्रण में होंगी, न कि बढ़ेंगी। साथ ही कहा कि डब्ल्यूटीओ किसी भी तरह से किसानों के हित में नहीं है। इससे किसानों को उनकी फसलों के वाजिब दाम नहीं मिलेंगे।
इस मौके पंधेर ने आरोप लगाया कि रोहतक पीजीआई से चंडीगढ़ शिफ्ट किए गए किसान प्रितपाल सिंह पर हरियाणा पुलिस की तरफ से काफी अत्याचार किया गया है। उन्हें बुरी तरह से पीटा गया है, जिससे उनकी बाईं टांग टूटने के साथ शरीर के कईं और हिस्सों में भी गंभीर चोटें आई हैं। लेकिन फिलहाल उनकी हालत स्थिर है। शंभू बॉर्डर पर रविवार को ट्रैक्टर-ट्रालियों का बड़ा काफिला दिखा, जिनमें किसान लंगर छक रहे थे तो कहीं किसान आराम कर रहे थे। बॉर्डर पर बनाए घरों के बारे में किसानों कुलवंत सिंह, सतवंत सिंह ने बताया कि दिन में इन्हें आफिस की तरह इस्तेमाल किया जाता है। रात में इन्हें सोने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। किसानों ने कहा कि अब जब लड़ाई लड़नी है, तो फिर इंतजाम तो करने ही पड़ेंगे।