मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् के कर विभाग द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पार्किंग और चाट बाजार सहित 12 वसूली ठेकों की नीलामी पर विवाद का ग्रहण लग गया है। ठेकेदारों के सामने पालिका ने नया नियम रखा तो उन्होंने विरोध कर दिया और हंगामे के बाद पालिका प्रशासन ने ठेकों की नीलामी को स्थगित कर दिया। इसके साथ ही अब नियम को लेकर पालिका के अधिकारी वकील की शरण में जाकर विधि सम्मवत व्यवस्था बनाने की तैयारी में जुट गये हैं। मामला जीएसटी पहले ही जमा कराये जाने के नये नियम से जुड़ा बताया गया है। वकील की राय आने के बाद ठेकों की नीलामी की दूसरी तारीख तय की जायेगी।
बता दें कि बीते शुक्रवार को नगरपालिका परिषद् के कर विभाग की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 12 वसूली ठेकों की नीलामी का इश्तिहार प्रकाशित कराया गया था। इसके लिए पालिका ने 26 फरवरी की तिथि ठेकों की नीलामी के लिए तय की गई थी। इनमें पालिका की सबसे बड़ी आय के साधन टाउनहाल गेट के समक्ष चाट बाजार, टाउनहाल मैदान पार्किंग, आॅटो, बालू-रेत, रिक्शा-रेहडे से शुल्क वसूली, वाॅल पेंटिंग-बैनर पोस्टर और विद्युत पोल्स पर क्योक्स लगाने के साथ ही शहरी क्षेत्र की दूसरी पार्किंग स्थल के ठेके शामिल हैं।
सोमवार 12 बजे पालिका सभागार में नीलामी के लिए ठेकेदार और पालिका के कर अधीक्षक एवं विभागीय कर्मचारी भी पूरी तैयारी के साथ पहुंच गये थे, लेकिन जब ठेकेदारों से ठेकों की बोली रकम के सापेक्ष जमानत धनराशि के लिए रसीद काटे जाने लगी तो जीएसटी की रकम जमानत धनराशि के साथ जमा कराये जाने के नये नियम पर बखेड़ा खड़ा हो गया। ठेकेदारों की ओर से बताया गया कि नीलामी के लिए सभी समय से उपस्थित हो गये थे, लेकिन दस्जावेज जमा करने वाले ठेकेदारों ने जब जमानत राशि जमा कराकर रसीद कटवाने के लिए कार्यवाही की तो बताया गया कि रसीद के साथ ठेके की रकम की जीएसटी का मूल्य भी बोली से पहले ही जमा कराना होगा। ठेकेदारों का कहना है कि पहले कभी भी ऐसा नहीं हुआ, ये नया नियम लागू कर खेल करने के प्रयास के आरोप लगाये गये। इस पर बात नहीं बनी तो ठेकेदारों ने हंगामा खड़ा कर दिया और जीएसटी की रकम जमानत राशि के साथ जमा नहीं करने पर अड़ गये। हंगामा होने पर कर अधीक्षक नरेश शिवालिया और कर्मचारी वहां से उठ गये और चले गये।
पालिका सूत्रों के अनुसार ठेकों की रकम की जीएसटी जमानत राशि की रसीद के साथ ही वसूलने की व्यवस्था है। इसी पर ठेकेदारों को दिशा निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने विरोध किया, जिस कारण नीलामी नहीं हो पाई। वहीं ठेकेदारों का कहना है कि पालिका अधिकारियों ने इन ठेकों के लिए समय ही नहीं दिया। शुक्रवार को इश्तिहार निकाला, शनिवार और रविवार की छुट्टी हो गई। सोमवार को नीलामी होनी थी। ऐसे में पालिका में दस्तावेज जमा कराने या जमानत राशि का बैंक का ड्राफ्ट बनवाने का समय ही नहीं मिल पाया। दो तीन ठेकेदारों ने ही अपने कागज पालिका में जमा कराये थे।
कर अधीक्षक नरेश शिवालिया ने बताया कि आज पालिका के 12 वसूली ठेकों की नीलामी का समय निर्धारित था, लेकिन यह नीलामी स्थगित कर दी गयी है। अभी नीलामी के लिए नई तिथि बाद में घोषित की जायेगी। वहीं पालिका सूत्रों का कहना है कि जीएसटी शुल्क पहले जमा कराने को लेकर विवाद हुआ है। इसके लिए ठेकेदारों को कहा गया है कि पालिका की ओर से संबंधित वकील से विधिक राय ली जायेगी, राय आने के बाद उसी के अनुसार व्यवस्था करते हुए नीलामी की दूसरी तिथि तय होगी।