मुजफ्फरनगर। नगरपालिका परिषद् में चल रहे गोरखधंधे में लिप्त पालिका के अधिकारियों ने गुमराही का ऐसा मकड़जाल बुना है कि उसमें चेयरपर्सन को भी फंसाने की साजिश हो रही है। पालिका में कुछ कर्मियों की मिलीभगत के चलते अधिकारियों के द्वारा कथित रूप से भ्रष्टाचार किये जाने और नियमों की अनदेखी करते हुए दूसरे तरीकों से कर्मचारियों को पदोन्नति देने के खेल के साथ ही वित्तीय मामलों में भी गड़बड़ी कर राजस्व हानि पहुंचाने के आरोप सामने आ रहे हैं। पालिका अधिकारियों ने पहले तो विकास कार्यों के वित्तीय प्रस्ताव बनाने में खेला किया और फिर कार्यवाही से बचने के लिए उसको सही साबित करने के लिए गलत तरीकों को अपनाया जा रहा है। इतना ही नहीं पालिका में सेवा सम्बंधित रिकाॅर्ड गायब होने के बाद भी कर्मचारियों का वेतन अधिकारियों की मिलीभगत से निकाला जा रहा है। वहीं पालिका में कुछ कर्मचारियों को योग्यता न होने के बावजूद भी गलत ढंग से पदोन्नति दे दी गई और कई वर्षों से ये कर्मचारी पदोन्नत वेतनमान प्राप्त कर रहे हैं। अब इन मामलों में शासन से जांच कराकर कार्यवाही की मांग की गयी है।
भाजपा सभासद राजीव शर्मा ने एक बार फिर से पालिका में पनप रही भ्रष्टाचार को उजागर करने की ओर कदम बढ़ाया है। उनका कहना है कि चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप के साथ ही पूरे बोर्ड को अंधेरे में रखते हुए गुमराह किया जा रहा है और पालिका के अधिकारी कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर घोर वित्तीय अनियमितता करने में जुटे हुए हैं। इससे पालिका को बड़ा राजस्व घाटा भी उठाना पड़ रहा है, वहीं उन्होंने अधिकारियों पर चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप और भाजपा की छवि को खराब करने के लिए नकारात्मक कार्यप्रणाली अपनाने के आरोप भी लगाये हैं।
भाजपा सभासद राजीव शर्मा ने प्रमुख सचिव नगर विकास को पत्र भेजकर शिकायत की है। इसमें उन्होंने पालिका में कई स्तर पर हो रही वित्तीय अनियमितता और गड़बड़ी को उजागर करने का काम किया है। शिकायत के अनुसार पालिका में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये गये हैं। इसमें बताया गया कि पालिका में कार्यरत अनेक कर्मचारियों का रिकाॅर्ड ही पालिका से गायब है। इनमें उनकी मूल व्यक्तिगत पत्रावली, मूल सेवा पुस्तिका और सेवा सम्बंधित अन्य रिकाॅर्ड पालिका कार्यालय में उपलब्ध नहीं हैं। सेवा अभिलेख कार्यालय में नहीं होने के बावजूद भी ऐसे कर्मचारियों को अधिकारी लगातार वेतन मंजूर कर रहे हैं। इसके साथ ही शासन द्वारा तय किये गये सेवा नियमों और पदोन्नति सम्बंधी दिशा निर्देशों का भी कोई अनुपालन पालिका के अधिकारी नहीं कर रहे हैं। बिना डीपीसी ;विभागीय पदोन्नति समितिद्ध गठित किये ही ज्येष्ठता सूची के कर्मचारियों को दरकिनार कर अयोग्य कर्मचारियों को पदोन्नत करने का खेल भी हुआ। ये कर्मचारी वर्षों से पदोन्नत वेतनमान प्राप्त कर सरकार को राजस्व हानि पहुंचा रहे हैं। उन्होंने ऐसे सभी कर्मचारियों ने अतिरिक्त वेतन की वसूली करने और विभागीय कार्यवाही करने के साथ ही उन्होंने ऐसे कर्मचारियों की पदोन्नति को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने और अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही करने की मांग प्रमुख सचिव से की है।
ईओ हेमराज भी कर गये बड़ा खेल
मुजफ्फरनगर पालिका के निर्माण विभाग के कार्यों में भी बड़ा खेल हुआ। नियमों के विपरीत चेयरपर्सन और पूरे बोर्ड को गुमराह करते हुए ईओ हेमराज सिंह ने अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर निर्माण कार्यों के व्ययानुमान के प्रस्ताव बोर्ड एजेंडे में पास करा लिये। भाजपा सभासद राजीव शर्मा का कहना है कि पालिका चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप द्वारा बिना भेदभाव के सीमा विस्तार वाले क्षेत्रों से पुराने क्षेत्रों तक एक समान नीति से विकास कराया जा रहा है। ऐसे में अनेकों विकास कार्य के प्रस्ताव तैयार कराये गये, जिनको गत बोर्ड बैठक में सर्वसम्मति से पारित कराया गया। इसमें अधिकारियों ने बोर्ड को अंधेरे में रखा और एजेंडे में प्रस्तुत निर्माण कार्यों के व्ययानुमानों में जीएसटी की धनराशि का समावेश नहीं किया, जोकि घोर अनियमित्ता की श्रेणी में आता है। बोर्ड के संज्ञान में जब यह तथ्य आया तो इस पर कोई कार्यवाही न हो, इसके लिए पालिका अधिकारियों के द्वारा अनावश्यक तरीके अपनाये जा रहे हैं। उनका कहना है कि पूर्व ईओ हेमराज सिंह इसमें पत्रावलियों को पास भी कर गये हैं। सभासद राजीव शर्मा का कहना है कि इसमें गड़बड़ी के कारण पालिका को होने वाली क्षति के लिए अधिकारियों से राजस्व की तरह वसूली होनी चाहिए।
ईओ प्रज्ञा ने एई निर्माण को दिया नोटिस, गड़बड़ी पर मांगा जवाब
भाजपा सभासद राजीव शर्मा की शिकायत पर ईओ प्रज्ञा सिंह का कहना है कि उनके द्वारा निर्माण कार्यों के व्ययानुमान के बोर्ड बैठक में पारित प्रस्तावों में जीएसटी की धनराशि का समावेश नहीं किये जाने के प्रकरण में निर्माण विभाग के अधिकारियों से जवाब मांगा गया है। इसके साथ ही सेवा अभिलेख गायब होने और गलत ढंग से पदोन्नति के प्रकरणों में भी वो विभागीय स्तर पर जानकारी जुटा रही हैं। गलत साबित हुआ तो कार्यवाही निश्चित की जायेगी।
ईओ प्रज्ञा सिंह ने बताया कि निर्माण विभाग की ओर से उनको मौखिक तौर पर बताया गया है कि प्रस्ताव बनाते समय टाइपिंग एरर हो जाने के कारण ही जीएसटी रहित और जीएसटी सहित का भ्रम बन गया था। ईओ ने इस मामले में एई निर्माण अखंड प्रताप सिंह को कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे जांचोपरांत जवाब मांगा है। सेवा अभिलेखों के गायब रहने पर उन्होंने कहा कि उनको विभागीय कर्मियों से जानकारी मिली है कि कुछ कर्मचारियों ने अपने मूल सेवा सम्बंधी अभिलेख पालिका से लेकर अपने घरों पर रखे हुए हैं, जो नियमानुसार गलत है। वहीं पदोन्नति के प्रकरण में भी वो जानकारी जुटा रही हैं।